Saturday 7 November 2009

पुर्नजनम


पुर्नजनम या REINCARNIATION एक ऐसा शब्द है| जिससे जादातर लोग REBIRTH के नाम से जानते है|हिन्दू धर्म के लोग पुर्नजनम मतलब जनम,मृत्यु,और पुनः जनम के चक्र मे विश्वास करते है|अध्यात्मिक कानून के आधार पर पुर्नजनम का तात्पर्य है'' आत्माओ की पुर्नस्थापना'' ,संस्कृत मे पुनः शब्द का अर्थ होता है 'अगला समय' या 'फिर से' और जनम का अर्थ होता है ज़िनदगी|इस तरह से पुर्नजनम का अर्थ हुआ अगली ज़िन्दगी या आने वाली ज़िन्दगी|
पुर्नजनम मे हमारे पुराने कर्मो का बड़ा महत्व है |वेदों माँ कहा गया है की अध्यात्मिक कानून के अनुसार पिछले जन्मो के बुरे कर्म हमें अपने नए जनम माँ भोगने पड़ते है| जैसे एक परिवार मे एक बच्चा जन्म लेता है और वह पूरी तरह से स्वस्थ भी है मगर उसी दम्पति की दूसरी संतान अपांग है या मानसिक रूप से ठीक नहीं है| तो यह उसके पिछले जन्म के बुरे कर्मो के कारन है |पुर्नजनम के इस बात को लोगो ने स्वीकार किया है की हमें अपने पिछले जन्म के पुरे कर्म का फल अपने अगले जनम मे मिलता है |
भगवत गीता के अनुसार जिस तरह से एक मनुष पुराने कपडे उतार कर नए कपडे पहनता है ठीक हमारी आत्मा भी पुराने शारीर को छोड़ कर नया शारीर धारण करती है |
स्वामी ज्योतिमयानान्दा ने संस्कृत मे कर्म शब्द का अर्थ कार्य बताया है | इनके अनुसार हमारे कार्य के भाव की छवि हमारे मस्तिस्क मे दो प्रकार से रहती है |
(१) पहले प्रकार मे हमारे पिछले जन्म के कार्य की छवि के बारे मे हमारा मस्तिष्क बेहोश रहता है | उससे कुछ भी याद नहीं रहता है|
(२)और दुसरे प्रकार मे हमारे कार्य यानि हमारे पिछले जनम की कहानी की हलकी हलकी सी छवि हमारे दिमाग के किसी कोने मे संजोये रहती है |
हमें कए ऐसे उद्धरण मिले है जिसमे के लोगो ने अपने पुराने जन्म के बारे मे बताया है मगर जादातर लोग मृत्यु के बाद जब नए योनी मे प्रवेश करते है तो वो अपने पुराने जन्म के बारे मे भूल जाते है|
स्वामी ज्योतिमयानान्दा के अनुसार हमारे पीछे जन्म के कार्य बीज की तरह होती है अगर कार्य आचा हुआ तो हमें फल अच्छा मिलता है और अगर कार्य बुरा रहा तो फल भी बुरा मिलता है हमें पिछले जन्म की बाते तो याद नहीं होती मगर अपने उपस्थित जन्म मे हम अच्छा कार्य करके अपने आने वाले जन्म को सुख्मै बना सकते है|
प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक पुर्नजन्म के बारे मे कए विवादे चलती आई है मगर ऐसे भी कुछ प्रमाण मिले है जिससे प्रमाणित होता है की प्राचीन काल से ही लोग पुर्नजन्म की बातो पर विश्वास करते आये है|खासकर मिश्र के लोग जब किसी मृतक को दफनाते थे तो वे मृतक की शब् के साथ उसकी पसंदीदा चीजे और ज़रूरी सामान दफना देते थे ताकि अगले जन्म मे ये चीजे उनके काम आये |
स्वामी विवेकानंद का कहना था की ''हमारे अन्दर वो शक्ति है की हम कुछ भी कर सकते है बस हमें उस शक्ति को पहचानने की ज़रूरत है |हम क्या है या क्या करना चाहते है ये सब हम अपने अन्दर धुंद सकते है |कहने का तात्पर्य ये है की अपने अन्दर की शक्ति को जान कर अपने पिछले कार्यो को समझ सके और अपने वर्त्तमान और भविष की ज़िन्दगी मे सामंजस्य स्थापित कर सके |
बुद्ध धर्म के के अनुयायी भी पुर्नजन्म पर विश्वास करते है '' THE TIBETIAN BOOK OF DEAD '' मे हमें वर्णन मिलता है की १ आत्मा १ शारीर को छोड़ कर दुसरे शारीर मे प्रवेश करती है|
हमारे हिन्दू धर्म मे यह भी माना गया की उस दिन पुर्नजन्म का चक्र समाप्त हो जायेगा जिस दिन हम इंसान कर्म करना छोड़ देंगे क्युकी जब हमारे बुरे या अच्छे कर्म ही नहीं होगे तो पुर्नजन्म भी नही होगा क्युकी वेदों और हमारे के महँ विद्वानों का मन्ना है की पुर्नजन्म की पहली सीढ़ी कर्म है|
फिर भी पुर्नजन्म के के पन्ने खुलने के बाद भी हमारे समाज मे यह विषय एक गुत्थी की तरह है |कए लोग तो अभी भी पुर्नजन्म की बातो पर विश्वास नही करते मगर वेदों मे पुर्नजन्म को माना गया है.|अगर हम वेद पर विश्वास करते है तो हमें वेदों मे लिखे बातो को भी मन्ना होगा|
वेदों के अनुसार पुर्नजन्म मे कर्म को प्रत्मिकता दी गई है तो बस यही सन्देश देना चाहुगी की दुसरो के लिए न सही पर अपने लिए अच्चे कर्म करे और अपने आने वाले जन्म को दुष्कर्म रहित बनाये |
KIRTI RAJ

POWER OD MEDITATION


मेडिटेशन जो हमें त्रुटियों से सच,तकलीफ से शांति और पृथ्वी से स्वर्ग की ओर ले जाती है |क्युकी जसी छवि हमारी मस्तिष्क की होती है हमारा चरिरता भी वैसा ही होता है |अगर आपका मस्तिष्क स्वार्थी है तो आपका चरित्र भी स्वरति होगा |मगर मेडिटेशन के द्वारा अगर आप घहराए से अपनी आतंरिक शक्ति को खोजगे तो आप महसूस करेंगे की आप शुद्ध और अस्वार्थी बन रहे है |हम हर रोज़ भगवन की पूजा करते है अपनी मनोकामना ,शांति और सद्बुद्धि के लिए मगर कभी आपने मानसिक भवर को समझने की कोशिश की है |नहीं की ,लोग कहते है जब हम दुखी या खुश होते है तो वह सारी भावना हम अपने दिल के कारन महसूस करते है यानि हमारी भावनाए मगर ये भावनाए आती कहाँ से है |ये सारी भावनाए भी हमारे मस्तिष्क का ही हिस्सा होती है |अगर हम मेडिटेशन की तरफ अपना कदम बढाये और अपने मेडिटेशन के विषय पर दिन पर दिन गहन करे और अपनी सारी भावनाओ को जो दिमाग के किसी कोने मे के दुष्ट परतो से छिपी रहती है|खोजने का प्रयास करे |हम सुख या दुःख महसूस तो करते है मगर अपने दुखो से कभी कभी उभर नहीं पाते है|मगर मेडिटेशन के द्वारा हम अपने दिमाग पर काबू पा सकते है और जैसे ही हम अपने दिमाग पर काबू पायेंगे अपनी सारी भावनाओ पर भी काबू पा लेंगे|फिर चाहे दुःख,सुख,डर,या पीड़ा हो हमें परेशां नहीं कर पाएगी|
मेडिटेशन का चलन प्राचीन काल से ही चला आ रहा है जब साधू संत कए सालो तक तपस्या मे लीन रहते थे उन्हें भूक,प्यास dhup,बारिश या गर्मी कुछ भी परेशां नही कर पाती थी वे अपनी मानसिक तपस्या द्वारा उस चरम स्थान पर पर पहुच जाते थे जहाँ इस सब चीजों की कोए मुराद नहीं होती थी|कगार हम आम इंसान अपनी भावनाओ मे ही इतनी उलझ जाते है की जीवन के सच तक पहुच ही नहीं पाते है मगर मेडिटेशन हमें उस सच के करीब ले जाता है और हमारे मष्तिष्क को हर वातावरण के अनुकूल ढलने की शक्ति प्रदान करता है हमें बुद्धिजीवी बनता है हमारी मन की चंचलता को शांत करता है और हमारा व्यक्तित्व निखारता है|आज मेडिटेशन आध्यात्मिक ही नही बैज्ञानिक तौर पर भी स्वीकार किया जा रहा है|कए स्वस्त केन्द्रों मे मेडिटेशन का उपयोग होता है क्युकी कए रिसर्च से यह बात सामने आए है की मेडिटेशन हमारे मानसिक ,शाररिक बीमारियो को दूर करने मे मदद करता है |कए विवादों मे लोग पूछते है ''यह मेडिटेशन काम कैसे करता है'' मगर कए ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण मिले है जिससे यह साबित होता है की मेडिटेशन रक्तचाप कम करता है,दिमागी थकावट दूर करता है,मानसिक व्याकुलता शांत करता है |
patricia norris जो biofeedback की manniger और founder है उनका कहना है की हमने मेडिटेशन का उपयोग कैंसर रोगी ,ऐड्स रोगी,रक्तचाप रोगी,और मधुमय रोगी पर किया तथा मासिक रोगी और दृग्स अद्दिक्ट्स पर भी किया और हमने पाया की इस लोगो की स्वस्थ दरे ऊपर जा रही है|ये सरे रोगी अपने मानसिक ध्वनि को काबू मे कर पा रहे है और अंदर से शुद्ध,शांत,और शीतल महसूस कर रहे है|इया कामयाबी के बाद अज कए सहर मे ६,००० से भी अधिक डॉक्टर मेडिटेशन का उपयोग कर रहे है|हमारा शारीर ३ हिस्सों मे बाटा हुआ है शाररिक,मानसिक और अध्यात्मिक|जादातर लोग मेडिटेशन का उपयोग थकन,गुस्सा ,दुष्ट और नकारात्मक भावनाओ को दूर करने के लिए करते है मगर मेडिटेशन कए रोगों को भू दूर करते मे kaargar साबित हो रहा है|
मेडिटेशन ६ prakar के होता है|
(1)breath watching= इसमें आपको अपने saas पर dhyan dena होता है|जब हम saas latay या chodte है तो हमें दोनों prakriya को महसूस करना होता है\यह मेडिटेशन हम कही भी और किसी भी awastha मे कर सकते है|
(2)an emepty mind meditation= इसमें आपको aaram से baithna है जिस जगह हम baahar के shor सुन पा रहे हो मगर आपको dhyan lagakar baithna है और उस shor को dhere dhere अपने dhyan से दूर करना है जैसे आपको koe shor sunae ही नहीं दे रही हो |यह kafi mushkil होता है मगर isse दिमागी santulan badhta है|
(३)walking meditation= इसमें आपको चलते चलते अपने pair के चल और saana के aawagaman पर dhyan lagana होता है \अगर आप यह मेडिटेशन बहार करते है तो dhyan rakhe की zameen samtal हो नहीं तो आप dhyan नहीं लगा payengay|
(4)mindfullness meditation= इस मेडिटेशन को biddhist VIPASSANA कहते है |यह मेडिटेशन 1 kala है अपने आप को gahrae तक dhyan lagane मे इसमें हमारे andar और बहार जो कुछ भी चल रहा होता है uspar dhyan lagana होता है और bahri awran को chod कर dhere dhere हमारे saans की raftaar ,हमारे dimag और हमारे शारीर के bich samanjasya isthapit करना padta है|
(5)mantra meditation =इसमें आप शांत bhaw से baith कर ॐ का uchcharan कर सकते और आप महसूस karengay को wah ॐ mantra apke pure शारीर mei daur रहा है|
(६)meditation on aconcept= इस मेडिटेशन मे आप किसी concept को ले सकते है जैसे nature,candle light,या फिर ball of fire ityadi और उस concept पर आपको dhyan lagana होता है isse apka concentration level badhta है और आप हर wipreet paristhiti मे भी हर काम aachi तरह से कर पाते है|
तो था मेडिटेशन yani tapasya जो हमें मानसिक सच की ओर ले जाती है iliye मेडिटेशन को हमें अपनी jevan का hissa banana चाहिए|
written by KIRTI RAJ

BULAND HOSLAY


''वो कहते है दर्द दूर हो जायेगा मगर हम ये दर्द दूर कैसे करे ये दर्द ही तो हमें मलहम दिलाएगा''
(गरीबी) हमारे देश मे गरीबी से उत्पीड़ित लोगो की संख्या कम नहीं है भारत मे हर पल गरीबी के कारन कई मृत्यु होती है,कई बेटियाँ जला दी जाती है,कई बच्चे असिक्षित रह जाते है और कई लोगो के सपने सपने ही रह जाते है|हमारे १००caror आबादी वाले देश मे १ बहुत ही खास बच्चा भी है हमारे बीच अभी जिससे कुछ गिने चुने लोग ही जानते है|मै बात कर रही हू विरेन राज बरिएक की जो झारखण्ड के रांची सहर का रहना वाला है|जो १ बहुत ही गरीब परिवार से है|इसके माता-पिता बेरोजगार है और इसके ८ भाई और १ बहन है जिसमे विरेन ६वय स्थान पर है|आप सोच रहे होंगे की ये तो कोई मामूली बच्चा जान परता है मगर ये ११ साल का बच्चा कई कलाओ से भरा पड़ा है |नृत्य तो इसके खून मे बसा है और बॉलीवुड की कए दिग्गज हस्तियों ने छोटा micheal jackson की संज्ञा दी है जो न्यायोचित है|विरेन १ बहुत ही अच्छे दर्जे का डांसर है|यह सोनी चैनल पर आने वाले शो बूगी-वूगी का भी विजेता रह चूका है|isne देवानंद के साथ कई फिल्मो मे काम भी किया है|अभी हाल ही मे विरेन ने india's got talent शो मे भाग था|जहाँ इसने अपनी कला से तीनो जज शेखर कपूर,किरण खेर,सोनाली बिंद्रा के साथ-साथ सरे दर्शको को भी मंत्रमुग्द कर दिया था|इन हस्तियों का कहना है की विरेन ही M.J की कमी पूरीकर सकता है|जो बच्चा ११ साल की उम्र मे इतनी बारीकी से न्रत्य करता है वो आगे जाकर क्या करेगा ये कहने की ज़रूरत नहीं है|M.J विरेन का आएडल है और ऐसी हस्तियों के मुह से ऐसे बक्तव्य सुनना विरेन के लिए बहुत मायने रखते है|प्रभु देवा ने भी विरेन की खूब तारीफ की है मगर SMS की कमी के कारन विरेन INDIA'S GOT TALENT शो मे आगे नहीं जा पाया मगर इससे उसके होसले और भी बुलंद हो गए है इतनी ही नहीं LOS ANGOLAS मे M.J की शहादत पर १ शो होने जा रहा है और विरेन को इस शो मे अपनी प्रतिभा दिखने के लिए आमंत्रित किया गया है जो विरेन के अबतक की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है मगर बिडम्बना की बात यह है की विरेन के परिवार वालो के पास इतने पैसे भी नहीं की वो विरेन के लिए पासपोर्ट तक बना सके|ऐसी स्थिति मे is मासूम से बच्चे के सपनो का क्या होगा क्या हमें भी उससे किस्मत के हवाले छोड़ देना चाहिए|कोई भी विरेन की मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहा है न ही सरकार और न ही कोई संस्था|जब हमारे देश मे कोई प्रतिभागी जीत कर आता है तो उससे सम्मान और कई इनाम देती है हमारी सरकार मगर इस तरह के दबी प्रतिभा को ऊपर उठाने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठती है|आखिर कब तक ये गरीब लोग अपनी प्रतिभा को दबाते रहेंगे आखिर कब तक अपनी प्रतिभा का गला घोटते रहेंगे||इन्हें भी आगे बढ़ने का,खुश होने का.अपने सपने साकार करने का हक है |हमारे देश की कई बड़ी संस्था और बड़े-बड़े उद्याग्पति कई पूजा-त्यौहार मे चंदा देते है अगर ये लोग इन्ही पैसे को इन गरीब बच्चो के अच्छे भविष के लिए लगा दे तो इससे बड़ी पुण्य की बात और क्या हो सकती है मगर अफ़सोस इन गरीब तबके के लोगो के बारे मे किसी को सोचने का समय तक नहीं है मगर विरेन की भी दात देनी होगी अगर कोई और बच्चो होता तो शायद हताश होकर अपना प्रयास छोड़ देता मगर विरेन ने तो हर मुश्किल को चुनोती देना सीख लिया है|उसका कहना है कि यह परिस्थिति तो कुछ भी नहीं अगर इससे भी ख़राब परिस्थिति आ गए तो भी वो नृत्य करना नहीं छोड़ेगा|विरेन अपने बड़े भाई अशोक से डांस की सिख्षा ग्रहण करता है वो अपने बड़े भाई को अपना गुरु मानता है|विरेन ब्रेक डांस,पॉप डांस और लोक्किंग,पोपिंग मे माहिर है |नृत्य इस बच्चे की आत्मा मे बस्ती है उसकी आत्मा है नृत्य और भला कोई इंसान अपनी आत्मा से दूर होकर कैसे जी सकता है|इतने कम उम्र मे इतने होसले देख कर बहुत ख़ुशी होती है|विरेन जैसे बच्चे ही भारत मे जनम लेकर भारत की महानता को प्रमाणित करते है|विरेन हमारे लिए १ मिसाल है की'' जब होसले बुलंद हो तो कोई तूफान हमें हिला नहीं सकता,कोई बारिश हमें भीगा नहीं सकता,कोई आग हमें जला नहीं सकता,कोई सागर हमें डूबा नहीं सकता और कोई हार हमें हरा नहीं सकता''| विरेन के सारे भाई खास कर अशोक उसकी खूब सराहना करते है उसको खूब उत्साहित करते रहते है शायद इसलिए विरेन इन परिस्थितियो से लढ़ पाता है क्यूंकि वो कहते है न जब आपका परिवार आपका साथ दे तो आप हर काटो पर हस्ते-हस्ते चल पाओगे और आपको दर्द का अंदाजा तक नहीं होगा क्यूंकि वो कहते है की ''टूट गई जो ऊँगली उट्ठी मिलो जो पांचो बन गई मुट्ठी''|मगर मेरे लिए दुःख की बात यह है की हम विरेन के लिए कुछ भी नही कर पा रहे है|आगे विरेन का भविष क्या होगा ये तो मै नहीं जानती मगर इतना ज़रूर कह सकती हू की इसके होसले ही इससे आगे बढायेगे और १ दिन पूरी दुनिया इस छोट्टा M.J को जानेगी और विरेन ही नहीं उस हर बच्चे को कहना चाहुगी की अपने होसले इतने बुलंद कर लो की कोई हार भी आपको हरा न पाए और अगर आप हार भी जाये तो फिर से हार से मुकाबला करने के लिए खरे हो जाये| मै विरेन और विरेन जैसे caroro बच्चो के उज्जवल भविष की कामना करती हू और ये भी कामना करती हू की भारत सरकार इनके लिए कुछ करे ताकि इनके सपने भी साकार हो सके और हर गरीब की आखों मे सपने देखने की हिम्मत जग सके|बस विरेन हमेशा इन्ही बुलंद होसलो के साथ मुश्किलों सामना करते रहना तुम १ दिन ज़रूर जीतोगे इस दुनिया से|
''जीत तभी तेरे संग है
जब हार कर भी तेरे होसले बुलंद है ''
written by kirti raj 1 टिप्पणियाँ